Tuesday 13 August 2013



Photo: कॉमेडी  के नाम पर मजाक है फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस। फिल्म में शाहरुख़ खान ने यंग किरदार निभाने की कोशीस की है जो ठीक नहीं है दीपिका की एक्टिंग जबरदस्त है दक्षिण भारतीय किरदार में जच रही है,फिल्म  का  गीत ,संगीत काफी हद तक ठीक है। फिल्म देखकर लगा की रोहित शेट्टी से जबरदस्ती निर्देशन करवाया गया है। ये और बात है की शाहरुख के फेन इस फिल्म  को जरुर देखेंगे। लेकिन रियल स्टोरी देखने वालो को फिल्म जरुर नीरास  करेगी। फिल्म रिकॉर्ड कमाई कर रही है  ,क्योकि वीकेंड पर फिल्म रिलीज़ हुई इसलिए इसका फयदा इसे जरुर मिलेगा। समय के लिहाज से फिल्म के लिए सो करोर या दो सो करोर कोई मायेने नहीं रखता है। हर दिन हर छेत्र में नए रिकॉर्ड बनते है और टूटते  है.इसलिए फिल्मो के लिए सॊ या दो सो करोर की कमाई मुस्किल नहीं।
कॉमेडी के नाम पर मजाक है फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस। फिल्म में शाहरुख़ खान ने यंग किरदार निभाने की कोशीस की है जो ठीक नहीं है दीपिका की एक्टिंग जबरदस्त है दक्षिण भारतीय किरदार में जच रही है,फिल्म का गीत ,संगीत काफी हद तक ठीक है। फिल्म देखकर लगा की रोहित शेट्टी से जबरदस्ती निर्देशन करवाया गया है। ये और बात है की शाहरुख के फेन इस फिल्म को जरुर देखेंगे। लेकिन रियल स्टोरी देखने वालो को फिल्म जरुर नीरास करेगी। फिल्म रिकॉर्ड कमाई कर रही है ,क्योकि वीकेंड पर फिल्म रिलीज़ हुई इसलिए इसका फयदा इसे जरुर मिलेगा। समय के लिहाज से फिल्म के लिए सो करोर या दो सो करोर कोई मायेने नहीं रखता है। हर दिन हर छेत्र में नए रिकॉर्ड बनते है और टूटते है.इसलिए फिल्मो के लिए सॊ या दो सो करोर की कमाई मुस्किल नहीं।
-सुगंधा झा

मधुश्रावणी पूजा

मधुश्रावणी बिहार के मिथिलांचल का परम्परागत त्योहार है. नई नवेली दुल्हन शादी के बाद पहले सावन में इस त्योहार को करती है.

मधुश्रावणी अक्षयसुहाग की कामना से श्रावण कृष्ण पंचमी से श्रावण शुक्ल तृतया (जुलाई-अगस्त) तक तेरह दिन महादेव शिवशंकर अर्धांगिनी महागौरी की आराधना का व्रत है.

मधुश्रावणी पूजा में नाग देवता, गौरी, शांति कलश, सूर्य, चंद्रमा, नवग्रह की पूजा की जाती है. पति की रक्षा और सुहाग के लिए विधि विधान से यह पूजा की जाती है.

यह पूजा शादीशुदा अपने मायके
आ कर करती हैं इस पूजा में उपयोग होने वाली सभी चीजें युवती के ससुराल से आती है. पूजा सामग्री से लेकर श्रृंगार और खाने के सामान तक सुबकुछ ससुराल से ही आता है.

इस पूजा में हरे रंग का इस्तेमाल ज्यादा होता है क्योकि सावन महिना ही हरयाली का है. इसलिए शादीसुदा हरे रंग की सारी और हरे रंग की ही लाख की चुरिया पहनती है.

इसमें सुबह को पूजा और कथा होती है और शाम को बांस की बनी हुई टोकरी को फूल और पत्तों से सजाई जाती है.

Neemi Saatish Thakur

इस पूजा में पूरे तेरह दिनों तक कथा होती है जिसमे पहले दिन नाग-नागिन की कथा, दूसरे दिन महादेव की पुत्री मनसा और मंगला गौरी की कथा सुनाई जाती है, तीसरे दिन पृथ्वी जन्म और समुद्र मंथन की कथा, चौथे दिन सती और पतिव्रता की कथा, पांचवें दिन महादेव परिवार (उमा, पार्वती, गंगा) की कथा, छठे दिन गंगा और गौरी जन्म की कथा, सातवें दिन गौरी तपस्या की कथा, आठवें दिन गौरी विवाह कथा, नवें  दिन पार्वती की माता मैना के मोहभंग की कथा, दसवें दिन कार्तिक और गणेश जन्म की कथा, ग्यारहवें दिन राजा हिमालय की बेटी संध्या की कथा, बारहवें दिन बाल बसंत और मध्यस्थ राजा की बेटी गोसौनि की कथा, तेरहवें दिन राजा श्रीकर्क की कथा होती है.

मधुश्रावणी पूजा के अंतिम दिन नवविवाहित दंपति मिलकर पूजा करते हैं.

इस दिन नवविवाहिता अपने हाथों से घऱ की दूसरी सुहागनों को श्रृंगार का सामान देती हैं और मीठा खाना खिलाती हैं. घर परिवार को बड़े लोगों का आशीर्वाद लेती हैं.

इस पूरे तेरह दिनों तक नवविवाहिता एक ही समय भोजन ग्रहण करती हैं वह भी बिना हल्दी और घी में बना शुद्ध शाकाहारी खाना.

सूर्यास्त होने के बाद पानी तक नहीं पिया जाता है. यह त्योहार मिथिलावासियो में नवदम्पतियो के लिए सबसे बड़ा और लंबा त्योहार है इस दौरान घरों में गाना-बजाना, गीत-नाद भी होता है.

-सुगंधा झा
 पूर्व प्रकाशित :::::::::::http://www.topnewsindia.com/2013/08/blog-post_9151.html?spref=fb

ईमानदारी की सजा

                                                                                                                                                       

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह क्या खनन माफिया के दबाव में सरकार चला रहे हैं? ऐसा नहीं है तो फिर आईएएस अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल को ईमानदारी का यह सिला क्यों मिला.

उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में नौकरी के दस महीने के भीतर ही निलंबित कर दिया गया. वो भी बिना कारण बताओ नोटिस के. स्थानीय नेता के एक फ़ोन कॉल ने एक ईमानदार अफसर को 41 मिनट के अंदर नौकरी से सस्पेंड करवा दिया.

सरकार का कहना है कि प्रशासनिक कार्यो में लोगों को बहस करने
की जरूरत नहीं है तो अखिलेश जी आप ही बताये कि आपने किस मुद्दे को लेकर एक ईमानदार अफसर को सस्पेंड किया.

देश में ईमानदारी के लिए बढ़िया ईनाम दिया जा रहा है ईमानदार अफसर को मरवा दो नहीं तो सस्पेंड कर दो.

आखिर देश किस राह पर जा रहा है. क्यों हमारे यहां की सरकार ईमानदार अफसर से डरती है. बिना किसी कारण ट्रान्सफर... ससपेंड कर दिया जाता है.

अधिकारियों को उनके कार्य में रुकावटें पैदा की जाती हैं. आखिर देश के हर राज्य में खनन माफियाओं से सरकार क्यों डरती है. सरकार और खनन माफिया के बीच कुछ और ही खिचड़ी पकती है.

उत्तर प्रदेश में पहले ही क्राइम क्या कम है. यहाँ पुलिस से लेकर आम जनता तक त्रस्त है और सरकार माफिया को खत्म करने के बजाय ईमानदार अफसर को ही सस्पेंड करती है. और कहती है कि सरकारी काम में दखलंदाज़ी न की जाय.

कैसे जनता सबकुछ जानते हुए चुपचाप सहती रहे. आप ही बताइए मुख्यमंत्रीजी.

सोशल मीडिया की वजह से आज एक ईमानदार अफसर के हक की लड़ाई लड़ी जा रही है. कुछ समय बाद कहेंगे कि ये सब विपक्ष का किया कराया है. जनता की आवाज सुनिए मुख्यमंत्रीजी.

-सुगंधा झा 


पूर्व प्रकाशित : http://www.topnewsindia.com/2013/08/blog-post.html?spref=fb

Monday 12 August 2013

भारत से धोखा

क्यों पाकिस्तान बार-बार हमला कर रहा है और भारत सरकार बैठ कर बातचीत करना चाहती है.
आखिर कब तक हम यूं ही सब कुछ सहते रहेंगे. 1948, 1971, 1998, में भारत की पाकिस्तान से जंग हो चुकी है.
भारत के कश्मीरी भूभाग पर पाकिस्तान ने नाजायज कब्ज़ा कर रखा है, जिससे तनाव की स्थिती बनी रहती है.

पाकिस्तानी सेना लगातार भारतीय सीमा का उल्लंघन करती आ रही है. साल 2010 में 44 बार, 2011 में 51 बार, 2012 में 71 बार, 2013 में अब तक
57 बार उल्लंघन कर चुकी है.

अब तक साल 2013 में ही पाकिस्तान ने तैंतीस बार सीमा का उल्लंघन किया है और जिस में जुलाई में ही छह बार हमले हुए है, इस में अब तक पैंतीस जवान शहीद हुए है.

आठ जनवरी 2013 को भी पाकिस्तान ने भारत की नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया है, जिसमे दो जवानों के सर काट कर ले गए, जिसके विरोध में भारत आये पाकिस्तान के हॉकी खिलारियों को वापस भेज दिया गया.

अभी मंगलवार को ही जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर के सरला पोस्ट में 450 मीटर अंदर घुसकर हमला किया गया जिसमें पांच जवान शहीद हो गये. इसमें बिहार रेजिमेंट के ही चार जवान थे और एक मराठा रेजिमेंट का.

बिहार के छपरा जिले के नायक प्रेमनाथ (35), छपरा के ही रघुनंदन प्रसाद (23), भोजपुर जिले के लांस नायक शंभूशरण (29), पटना के विजय कुमार राय (27) और महाराष्ट्र के नायक पुंडलिक माने शामिल हैं.

जिस तरह ये अपनी जान की बजी लगा कर हमारी रक्षा करते है, उसमें हमारे नेताओं की बयानबाजी कहां तक सही है.

ये लोग इनकी मौत पर भी सियासत करने से नहीं चूकते. क्या आखिर दो चार या दस लाख मुआवजा देकर ये लोग उनके परिवार का पालन कर सकते है, उनकी कमी को पूरा किया जा सकता है.

हम उनकी सुरक्षा नहीं कर सकते तो कम से कम उनके घाव पर नमक नहीं लगाना चाहिए. इस हमले के बाद बिहार के एक मंत्री जी का कहना है की पुलिस और सेना में लोग मरने के लिए ही भर्ती होते हैं.

बार-बार इस तरह के हमलों के वावजूद भी कुछ नेताओ का कहना है की युद्ध कोई हल नहीं बल्कि बातचीत के जरिये मामले को सुलझाया जा  सकता है. क्यों हम लोग हर बार किसी बड़े हमले का इंतजार करते है?

लगातार इस तरह की घटना के बावजूद मिलकर कदम उठाने के बजाय नेता लोग एक-दूसरे पर दोषारोपण करते रहते हैं. अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाये. नहीं तो इसी तरह हमले आगे भी होते रहेंगे और हमारे वीर जवानों की जान जाती रहेगी.

अब सरकार को कठोर कदम उठाने होंगे और पाकिस्तान को जवाब देना ही होगा. वक़्त आ गया है की इस तरह की घटना का मुंहतोड़ जवाब दिया जाये. नहीं तो पाकिस्तान आपनी चाल से बाज नहीं आएगा.

-सुगंधा झा
पूर्व प्रकाशित http://www.topnewsindia.com/2013/08/blog-post_7263.html